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10 September 2019
मानव के विकास के लिए कुछ अधिकार सबको मिलना चाहिए। नैसर्गिक अधिकार पाने का सबको हक है..लेकिन दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो इन अधिकारों यानी मानवाधिकारों से अभी भी वंचित हैं..हम अक्सर सुनते आए हैं कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोगों के मानवाधिकार का हनन होते रहता है। बड़ी संख्या में लोग शरणार्थी जीवन जीने तक को मजबूर हैं..। सभ्य समाज होने के नाते हर किसी के मानव अधिकार का संरक्षण बेहद जरूरी है। इसी मकसद को पूरा करने के लिहाज से संयुक्त राष्ट्र प्रयासरत भी रहती है। यूएऩ की एजेंसी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का गठन भी इसी मकसद को हासिल करने के लिए किया गया। फिलहाल जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 42वां सत्र चल रहा है। इसमें मानवाधिकार से जुड़े तमाम मुद्दों का पड़ताल की जानी है। इसके अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सो में मानवाधिकार की स्थित पर भी चर्चा होगी। पाकिस्तान इस मंच से हमेशा ही कश्मीर का राग अलपाना चाहता है लेकिन उसके नापाक मंसूबे से पूरी दुनिया के सामने हमेशा ही उजागर हो जाती है। इस बार तो खुद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सबके सामने इस सच्चाई को स्वीकार किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का राज्य है। हम इसे भी देखेंगे कि किस तरह मानवाधिकार जैसे पवित्र मामलों का दुरुपयोग राजनीतिक कारणों से किया गया है। एक तरफ़ ऐसे देश आतंकवादियों का निर्माण करते रहे हैं और फ़िर दूसरी तरफ़ उन आतंकवादियों का दुष्परिणाम झेल रहे देशों पर वे मानवाधिकार हनन का आरोप लगाकर आतंकवाद के आरोप की वजह से अपने दामन पर लगे दाग को छिपाने का काम करते रहे हैं। पाकिस्तान एक ऐसा ही देश है जो आतंकवादियों की फ़ैक्ट्री चलाता है और फ़िर मानवाधिकार की बात करता है..